Jaadui Kahaniyan in Hindi: दोस्तों आज हम आपके सामने Jaadui Kahaniyan in Hindi प्रस्तुत करने जा रहे हैं, ये कहानियाँ मुख्यतः रहस्यमयी घटनाओं पर आधारित हैं। जादू की कहानियाँ बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय है और अक्सर उन्हें नैतिक मूल्यों और शिक्षाओं को समझने में मदद करती है।
तो आइए जादूई खानियां हिंदी में पढ़कर एक साथ शिक्षा शुरू करें, यहां नीचे कुछ प्रसिद्ध जादुई कहानियां दी गई हैं:
Table of Contents
जादुई राखी – Jaadui Rakhi in Hindi, 1 (Jaadui Kahaniyan)
एक गाँव में चेतन नाम का एक लड़का रहता था। उसके माता – पिता , ये दोनों एक ही ऑफिस में काम करते थे. एक दिन चेतन ने अपनी माँ से कहा – माँ, मुझे भी एक बहन चाहिए. जो मुझे राखी बांधती है और मेरे साथ स्कूल जाती है. चेतन की बात सुनकर उनकी मां पहले तो थोड़ा मुस्कुराईं और बोलीं. हमारे पड़ोस में जो गौरी रहती है वो तुम्हारी बहन है |
गौरी की माँ चेतन की माँ के मामा की बेटी थीं। जो रिश्ते में चेतन की मौसी लगती थी. चेतन कुछ नहीं बोला. माँ, वह मेरी बहन नहीं है, वह शिवम की बहन है। मैं अपनी बहन चाहता हूं जो मेरे साथ खेले और स्कूल जाए। और मुझे बाँध भी दिया. चेतन की माँ ने उसे बहुत समझाया और कहा, बेटा, मोसी की बेटी गौरी तो तुम्हारी अपनी बहन है।
इस बार तुम उससे राखी बंधवाना, मैं उसे बता कर आऊंगा. कि वह आपके लिए एक सुंदर सी राखी खरीदे। जिसे पहनकर आप एक जेंटलमैन नजर आएंगे। कुछ दिन बाद फिर राखी का त्यौहार आया. गौरी ने चेतन और शिवम के लिए राखी खरीदी और उनकी कलाइयों पर बांधी। चेतन ने गौरी को एक खूबसूरत बार्बी डॉल गिफ्ट की, जिसे देखकर गौरी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
उस गुड़िया की खास बात ये थी | जो भी उससे बात करता, वह उसकी नकल करने लगती। वह गुड़िया एक शरारती लड़की की तरह थी। फिर गौरी के साथ खेलने और राखी बांधने के बाद चेतन अपनी मां के साथ अपने घर लौट आया | और मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मुझे एक सुंदर बहन दे दो। दो जिनके साथ मैं स्कूल जा सकूं और खेल सकूं। वह कोई आम महिला नहीं थी, उसने चेतन की इच्छा पूरी की थी |
रात को चेतन को सपना आया | उसने देखा कि उसके घर एक अत्यंत सुन्दर छोटी बहन आयी है। वह उसके पास बैठा है. और उसे अपनी गोद में खिला रहा था | चेतन बहुत खुश था और स्वप्न में मैं अपने मित्रों से कह रहा था, देखो, मेरी भी एक छोटी बहन है। उसके दोस्त भी उसकी छोटी बहन को देखकर खुश हुए और उसके लिए उपहार लाए।
सुबह जब चेतन की आंख खुली तो उसने देखा कि उसके सभी दोस्त उसके घर आए हुए थे. और एक छोटी बच्ची के साथ खेल रहे थे. ये सब देखकर चेतन की आंखें खुली की खुली रह गईं | उनका सपना सच हो गया. उसने सपने में जो कुछ देखा था वह सब सच हो गया था। ये सब उस जादुई राखी का ही कमाल था | फिर चेतन ने उस जादुई राखी को एक ट्रक में सुरक्षित रख दिया | अब चेतन को सब समझ आ गया | उन्होंने गौरी को धन्यवाद दिया |
चेतन की मां भी बहुत खुश थीं. उन्होंने उस लड़की का नाम एंजेल रखा. एंजल बचपन से ही बहुत बुद्धिमान थी। वह अपनी कक्षा में सदैव प्रथम स्थान पर आती थी। कुछ साल बाद चेतन की माँ ने घर का सारा सामान एक कबाड़ी वाले को दे दिया। और वह सब नया सामान लेकर आई। जिसके साथ वह ट्रक भी गया, जिसमें जादुई राखी रखी हुई थी |
उसके बाद न जाने वो जादुई राखी कहां खो गई. उस दिन के बाद चेतन की बहन एंजेल भी लापता हो गई और लापता हो गई. चेतन और उसकी मां ने कबाड़ी वाले को काफी खोजा लेकिन वह कहीं नहीं मिला. आज अपनी बहन की याद में चेतन का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है | वह पागलों की तरह अपनी बहन को ढूंढ रहा है और उस कबाड़ी वाले को ढूंढ रहा है |
लोग उनका मजाक उड़ाते हैं | दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने जीवन में किसी भी व्यक्ति या वस्तु से ज्यादा लगाव या लगाव नहीं रखना चाहिए। ना ही हमें किसी जादुई चीज़ का पीछा करना चाहिए. उस परमात्मा को ही याद करना चाहिए। और आपको अपनी हर कीमती और पुरानी चीज़ संभाल कर रखनी चाहिए…
जादुई तोता – Jadui tota, 2 (Jadu Ki Kahani)
ईशानी के पास एक तोता था। उसका नाम पीटर था. वह इंसानों की तरह बात करते थे. एक दिन ईशानी उसे अपने साथ जंगल में ले गई। इशानी की मां ने उसे बहुत चेतावनी दी थी | तुम्हें पीटर को अपने साथ नहीं ले जाना चाहिए। लेकिन इशानी ने उनकी बात नहीं मानी और पीटर के साथ जंगल में चली गई। जैसे ही इशानी ने पीटर का पिंजरा खोला, वह उड़ गया।
इशानी काफी देर तक उसे आवाज देती रही, पीटर, तुम कहां हो, वापस आ जाओ, हमें घर जाना है। अपने पिंजरे में आओ.
लेकिन पीटर बहुत आगे निकल चुका था। शाम हुई तो इशानी रोने लगी, पता नहीं पीटर कहाँ चला गया। अब मैं घर कैसे जाऊं, मां मुझे मार डालेगी. ये सोच कर ईशानी और जोर जोर से रोने लगी.
तभी वहाँ से एक जादुई तोता भी उड़ रहा था। उन्होंने इशानी से पूछा, क्या हुआ तुम क्यों रो रही हो. जैसे ही इशानी ने उसे देखा, उसे लगा कि यह पीटर है। उसने पूछा कहां गए थे? चलो अब घर चलते हैं. उस तोते ने कहा नहीं मैं घर नहीं जा सकता। मैं एक जादुई तोता हूँ. इशानी ने कहा कि तुम्हें मेरे साथ मेरे घर चलना होगा नहीं तो मेरी मां आज मुझे मार डालेगी।
मैंने उसका प्रिय तोता पीटर खो दिया है। पता नहीं कहां चला गया. अब मैं उसके बिना घर नहीं जा सकता. अब केवल आप ही मेरी मदद कर सकते हैं, कृपया मेरे साथ मेरे घर चलें। उस जादुई तोते को इशानी पर दया आ गई। और वह इशानी के साथ उसके घर चला गया। जैसे ही वह इशानी के घर पहुंचा तो इशानी की मां ने कहा पीटर आज तो तुम पूरा जंगल घूम आए। क्या बात है आ । तुम दोनों इतनी देर से क्यों आये? आज के बाद तुम दोनों कभी जंगल में नहीं जाओगे, समझे।
ईशानी और जादुई तोता एक साथ बोले, ‘मम्मी, यह ठीक है।’ आज के बाद हम कहीं नहीं जायेंगे. ठीक है, अब तुम दोनों खाना खाओ. इशानी की माँ ने पीटर को गाजर और लाल मिर्च दी। इशानी रोटी और दाल दोनों खाकर सो गई। ईशानी रात को चुपके से उठी और जादुई तोते से बोली, अब तुम अपने घर कैसे जाओगे? तोते ने कहा, मैं आज रात को ही अपने घर चला जाऊंगा। तुम आराम से सो जाओ. रात को जब सब लोग सो गये. तो जादुई तोते ने देखा कि ईशानी की माँ बहुत गरीब थी।
फिर भी मुझे और ईशानी को खाने के लिए खाना दिया गया. वह खुद भूखी सो गई है. मुझे उनके लिए कुछ करना होगा. यह सोचकर जादुई तोते ने सोने-चांदी और कभी खराब न होने वाली छप्पन खाद्य सामग्रियों से भरा एक बर्तन तैयार किया। और वहां से चला गया. जब इशानी की मां ने सुबह उठकर देखा तो. आश्चर्य चकित रह गया.
यह सब कहां से आया है? और पीटर कहाँ है? इतने में ईशानी भी उठ गई और अपनी माँ से बोली, माँ, यह पीटर नहीं है। वह एक जादुई तोता था. पीटर जंगल में खो गया था. मेरा रोना सुनकर वह मेरे पास आये। और मैं पिटाई के डर से उसे अपने साथ ले आया था…
जादुई कंचे – Jaadui Kanche, 3 (Jaadui Kahaniyan)
मेरा एक दोस्त था । उसका नाम जतिन था । जतिन का पढ़ने लिखने मे बिलकुल भी मन नहीं लगता था। वह हमेशा पढ़ाई से जी चुराया करता था । जतिन की मम्मी प्रतिदिन उसको पढ़ाती लेकिन वह पढ़ाई के नाम पर सोने का बहाना बना देता और बोल देता मां मुझको नींद आ रही है। सुबह उठकर पढ़ लूंगा सुबह को फिर उठता ही नही था । ऐसे करते करते काफी दिन बीत गए । फिर एक दिन जतिन की मम्मी जतिन को एक बाबा के पास लेकर गई।
उन्होंने बाबा से कहा बाबा कोई उपाय बताओ जिससे इसका मन पढ़ाई में लगे । जतिन बोला नही मम्मी मुझको पढ़ना नहीं है। तुम मुझसे चाहे कुछ भी काम के लिए बोल दो लेकिन पढ़ने के लिए मत कहिए। जतिन की यह बात सुनकर बाबा बोले ठीक है । मैं तुमको ये दो जादुई कंचे देता हू लेकिन तुम इनको अपने पास रख लो । ये तुम्हारी पास होने में मदद करेंगे । लेकिन उसके लिए तुमको एक काम करना होगा । जब तक ये कंचे तुम्हारे पास रहेंगे तुमको सोना नहीं है।
जतिन बाबा से बोला ठीक है। बाबा मै ऐसा ही करूंगा । जतिन उन कंचो को लेकर अपनी मां के साथ अपने घर वापस आ गया। खाना खाने के बाद जैसे ही वह अपने बिस्तर पर सोने को गया । तो उसको बाबा की बात याद आ गई । और वह उन कंचो को हाथ में लेकर बैठ गया। जैसे ही उसको नींद आती फिर बाबा की बात याद आ जती की मुझको सोना नही है ।
कुछ दिनों के बाद जतिन का रिजल्ट आया । तो घर वाले सभी लोग चॉक गए । जतिन ने अपने पेपरों में नब्बे प्रतिशत अंक प्राप्त किए । जतिन की मम्मी जतिन को लेकर बाबा के पास उनका शुक्रिया अदा करने के लिए गई । और बोली बाबा आप का बहुत बहुत आभार है । आपने मेरे बेटे को वो जादुई कंचे देकर हम पर बहुत उपकार किया है।
आपको कोटी कोटी नमन है। तब बाबा थोड़े मुस्कुराए और बोले ये कंचे कोई जादुई कंचे नही है । यह तो साधारण से कंचे है । ये अंक जतिन ने किसी जादुई कांची से नहीं बल्कि अपनी मेहनत से प्राप्त किए है । फिर जतिन से बोले क्यो जतिन तुम ही बताओ। फिर जतिन बोला हा मम्मी ।
जब भी मुझको नींद आती तो मुझको बाबा की बात याद आ जाती की इन जादुई कंचो को लेकर सोना नही है इस लिए फिर मैं किताब पढ़ लिया करता था, की मै जाग तो रहा ही हूं क्यों न पढ़ाई ही कर लू । इस तरह से मैं हर रात को अपनी पढ़ाई कर लिया करता था । सायद इसी लिए मेरे अंक सबसे ज्यादा आए है ।
मैं कुछ भी याद करके जाता वही मेरे पेपर में आ जाया करता । और मुझको लगता की यह सब उन जादुई कंचो का कमाल है। इस कहानी से हमको यह सिख मिलती है की वास्तव मे कोई जादू नही होता सबसे बड़े जादूगर हम स्वम है । हम कठिन परिश्रम करने कुछ भी हासिल कर सकते है…
परी और प्रिया – Pari Aur Priya, 4 (Jadui Kahaniya in Hindi)
सोना गांव मे एक प्रिया नाम की लड़की रहती अपने माता पिता के साथ रहती थी ।उसके माता पिता मजदूरी करके अपना घर चलाते थे । वो दोनो अपनी बेटी प्रिय से बहुत प्यार करते थे। प्रिया को उसकी मां सरस्वती सुबह ही तैयार करके स्कूल भेज दिया करती थी । उनका सपना था । की प्रिया बड़ी होकर एक अच्छी डॉक्टर बन जाए । ताकि जो भी गरीब परिवार के लोग है ।
उनका मुफ्त में इलाज हो सके । प्रिया भी बड़ी लगन से अपनी पढ़ाई करती थी। एक दिन प्रिय के पापा और मां मजदूरी करके शाम को जब अपने घर वापस लौट रहे थे। तभी एक कार में सवार व्यक्ति ने प्रिया के पापा जी को टक्कर मार दी। और वो सड़क पर ही बेहोश हो कर गिर गए। प्रिया की मां ने उनको सड़क से उठाया और अस्पताल ले गई ।
डॉक्टर उनका इलाज करने लगे कुछ देर बाद डॉक्टर साहब बोले इनका ऑपरेशन करना पड़ेगा । इनके पैर की हड्डी टूट गई हैं। तुम ऑपरेशन से पहले पचास हजार रूपए काउंटर पर जमा करा दो । प्रिया की मां दोडते हुए घर आई । उसने घर पर जो भी सामान था सब बैच दिया और अस्पताल में भर्ती अपने पति का ऑपरेशन करा दिया ।
कुछ दिन बाद प्रिया के पापा घर आ गए। अब उनके घर में खाने के लिए रोटी भी नही थी । क्योंकि उसकी मां और पापा दोनो ही घर पर थे । काम पर नही जा रहे थे । उसके पापा के चोट लगने के कारण उसकी मां भी मजदूरी के लिए नही जा सकी । घर पर जो भी सामान था । उसकी मां ने उसको बैच कर उसके पापा का ऑपरेशन करा दिया था । एक दिन प्रिया को तेज भूख लगी थी ।
प्रिया भूख से रोने लगी । उसकी मां ने उसको स्कूल भेजना भी बंद कर दिया था। क्योंकि उसके स्कूल की फीस जमा नहीं हो पाई थी। प्रिय ने सोचा क्यों न मैं जंगल में जाकर कुछ खाने की चीज ढूंढू ।प्रिया दुखी मन से जंगल की तरफ चली गई। ताकि अपनी मम्मी पापा और अपने लिए कुछ खाने के लिए ला जिससे सबका पेट भर सके ।चलते चलते वह काफी दूर निकल गई। तभी उसकी नजर एक आम के पेड़ पर पड़ी । उसने देखा पेड़ पर पके पके आम लगे हुए थे।
अफसोस वो उनको तोड़ने में असमर्थ थी । क्योंकि आम बहुत ऊंचाई पर थे । प्रिय वही बैठ कर रोने लगी । प्रिया के रोने की आवाज सुनकर वहा एक परी आ गई। परी ने प्रिया से पूछ क्या हुया बेटा तुम यहां कैसे आई और क्यों रो रही हो ।पहले प्रिया परी को देख कर डर गई । लेकिन फिर उसको याद आया उसकी टीचर ने उसको परी की कहानी सुनाई थी। उसके बाद परी ने प्रिया के आंसू पोछे और उसको खाने के लिए आम दिए।फिर परी प्रिया के साथ खेलने लगी ।
उनको खेलते खेलते बहुत देर हो चुकी थी । फिर प्रिया को याद आया घर पर मेरी मां मेरे लिए परेशान हो रही होगी । प्रिया ने परी से कहा की अब मुझको घर जाना होगा । मेरे मम्मी पापा मेरा इंतजार कर रहे होंगे । यह कह कर प्रिया जोर जोर से रोने लगी परी ने पूछा रोने की क्या बात है । क्या हुए तुम कल फिर आजाना प्रिया ने परी को सारी बात बताई । जो भी परेशानी उसके घर में चल रही थी। परी ने कहा तुम मेरे पास बैठो रोना बंद करो ।
मैं तुमको एक अपनी जादुई छड़ी देती ही तुम इससे जो भी मांगोगी तुमको मिल जायेगा लेकिन तुम इसका एक दिन में केवल दो बार ही इस्तमाल कर सकती हो । यदि तुम इसका गलत जगह इस्तमाल करोगी तो यह तुम्हारे पास से गायब हो जायेगी। प्रिया ने परी से प्रॉमिस किया की वहा दिन में दो बार ही जादुई छड़ी का इस्तमाल करेगी वो भी जरूरत पड़ने पर । यह बोल कर प्रिया परी से प्रणाम करके अपने घर पर लोट आई । उसकी मां परेशान थी । की पता नही मेरी बेटी कहा भटक रही होगी।
तभी प्रिया ने जोर से अपनी मां को आवाज दी मां मां तुम कहा हो देखो मै क्या लेकर आई हूं। उसकी मां बोली बेटी तुम कहा थी अब तक और ये हाथ मे क्या है। प्रिया ने अपनी मां से सारी बात बताई । उसकी मां को विश्वास नही हो रहा था । तभी प्रिया ने जादुई छड़ी अपने हाथ में ली और बोली हे मेरी जादुई छड़ी मेरे मम्मी पापा के लिए खाना पेस किया जाए । तुरान दो थलियो में भोजन बन कर तैयार हो गया। प्रिया ने अपनी मां से कहा मां इस जादुई छड़ी का इस्तमाल हम दिन मे केवल दो बार ही कर सकते है।
इससे ज्यादा किया तो ये परी के पास वापस चली जायेगी । प्रिया की मां बोली ठीक है बेटा हम इस बात क्या ध्यान रखेंगे । फिर अगले दिन से प्रिया तैयार होकर स्कूल जाने लगी । मन लगा कर पढ़ाई करने लगी । शाम को परी से मिलने जाती । और जो भी उसकी टीचर उसको सिखाती थी। वह पहले परी के साथ बैठ कर उसको याद करती और फिर खेल कूद कर अपने घर आ जती थी ।
प्रिया ने परी की जादुई छड़ी परी को लौटा दी जिससे परी और जरूरत मंद लोगो की मदद कर सके । अब प्रिया के मम्मी पापा भी अपने काम पर जाने लगे । कुछ दिन बाद प्रिया बड़ी हो गई । और अपनी एम बी बी एस की पढ़ाई पूरी कर के डॉक्टर बन गई । प्रिया ने परी के साथ मिलकर अपने मम्मी पापा का सपना पूरा कर दिया…
देव्या शक्ति और लालच – Divya Shakti Aur Lalach, 5 (Jadui Kahan)
मिताली और निराली दोनो सगी बहनें थी। मिताली प्रतिदिन सुबह सुबह मंदिर जाया करती थी। और निराली सोती रहती थी। उनकी मम्मी निराली पर गुस्सा किया करती थी । और कहती थी । तुम अपनी बहन मिताली से कुछ सीखो वो प्रतिदिन सुबह सुबह मंदिर जाती है। और एक तुम हो जो सोकर ही सात बजे उठती हो ।अपनी मम्मी की रोज रोज की यही बात सुनकर एक दिन निराली बहुत गुस्से मे हो गई और बोली मुझको तो लगता है । बस मिताली दीदी ही आपकी बेटी है।
आप हमेशा उन्ही की तारीफ करती रहती है। मुझको तो हमेशा कुछ ना कुछ ताने मराती ही रहती हो। उस दिन के बाद से निराली अपनी बहन मिताली से बहुत ज्यादा चिड़ने लगी । एक दिन मिताली की मैडम जी ने उसको एक बच्चे चेहरे का चित्र बनाने को दिया । मिताली ने बहुत हू सुंदर चित्र बनाकर तैयार कर दिया। और अपने बैग में रख दिया। फिर उसके बाद वह मंदिर को चली गई । उसने आकर जैसे ही अपना बैग खोला तो वह चित्र बैग में नही था ।
मिताली ने अपनी मां से पूछा उसकी मम्मी ने कहा बेटा मैने तो नही देखा । तुम यही कही देख लो कभी तुम रख कर भूल गई हो ।मिताली को लगा कही उसकी बहन निराली ने ही चित्र को छुपा दिया है। वह भागते हुए निराली के पास गई ।और बोली मेरी प्यारी बहन निराली क्या तुमने मेरे बने चित्र को कही छुपा दिया है क्या ।अगर तुमने छुपाया है तो मुझको वापस कर दो । मिताली की बात सुनकर निराली बोली नही दीदी मैने नही छुपाया है। ऐसा करके भला मुझको क्या मिलेगा ।
मिताली उदास होकर बैठ गई । तभी कमरे के अंदर से एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। मिताली की मां कमरे मे गई तो देखा एक छोटा सा बच्चा वहा बैठा हुए था । उस बच्चे की सकल हुबहू मिताली के बनाए बच्चे के चित्र से मैच कर रही थी। निराली मिताली और उसकी मां यह सब देख कर अचंभे में थी । और बोली अरे यह कैसे हो सकता है। तुमने जो चित्र बनाया था ।वह वास्तविक रूप में ही बन गया है। फिर मिताली की मां ने मिताली से बहुत से खाने पीने के व्यंजन बनाने को कहा ।
वो सारी खाने पीने की चीज कुछ देर बाद वहा प्रकट हो गई।मिताली की मां को अब सारी बात समझ में आ गई थी। की मिताली की कल मैं कोई ऐसी देव्या सक्ति हैं । जिससे यह जो भी चीज पेंसिल से आर्ट पर बनाती है । वह कुछ देर के बाद सामने प्रकट हो जाती है। धीरे धीरे इस बात का पता आस पास के लोगो को चल गया ।
और वो सब मिताली से मिलने उसके घर आए । तभी उन अब में से एक औरत रोते हुए अपने पति का फोटो लेकर मिताली के पास आई । और बोली बेटी तुम मेरे पति का चित्र बना चाहे तुम मुझसे इसके बदले मे मेरा सारा धन ले लो । मिताली के मन मे धन का लालच आ गया था । मिताली ने जैसे ही उस औरत के पति का चित्र बनाया तो वह चित्र ही बनकर रह गया ।इस तरह लालच के कारण मिताली ने अपनी देव्या शक्ति को खो दिया…
FAQ – Jaadui Kahaniyan in Hindi
Jaadui Khahaniyan क्या हैं
जादुई कहानियां हिंदी में विभिन्न प्रकार की कहानियां हैं जो जादू, चमत्कार से जुड़ी होती हैं। इनमें चरित्रों के साथ होने वाले साहसिक और चमत्कारिक घटनाएं दिखाई जाती हैं। ये बच्चों के बीच प्रसिद्ध होती हैं
सबसे अच्छी Jaadui Kahani कोनसी है
कुछ लोकप्रिय और प्रसिद्ध जादुई कहानियां निम्नलिखित हैं:
जादुई राखी
परी और प्रिया
देव्या शक्ति और लालच
Jadui ki Kahani के क्या फायदे हैं
ये कहानियां बच्चों के मनोरंजन के साथ-साथ अनेक महत्वपूर्ण सामाजिक और मानवीय मूल्यों को समझाने में मदद करती हैं, और उन्हें रोचक घटनाओं का सामना करने में मदद करती हैं।